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कालरी कर्मचारी ने बैंक मैनेजर पर जालसाजी करने का लगाया आरोप

शहडोल 

 जिला अंतर्गत बुढ़ार स्थित एडीएफसी बैंक के उपभोक्ता राम नारायण पांडे पिता कोदू राम पांडेय एसईसीएल सोहागपुर क्षेत्र राजेंद्रा कालरी मे लिपिक पद पर कार्यरत है  विगत वर्ष उनको अपनी भांजी की शादी करनी थी जिसके लिए इन्हे ऋण लेने के लिए स्थानीय एचडीएफसी बैंक के सहायक मैनेजर अजीत श्रीवास्तव से सलाह  लेते हुए यह बताया की मेरे  तीन संतान है उनकी शिक्षा-दीक्षा और गृहस्थी मे ही पेमेंट की राशि खर्च हो जाती हैं बचत नही कर पाता एवं मेरे बहन के पुत्री की शादी में सहायता करने के लिए मुझे  पैसों की  आवश्यकता है जिसके लिए मुझे आपके बैंक से  2लाख का ऋण  चाहिए  चर्चा तत्पश्चात अधिकारी द्वारा बैंक संबंधित दस्तावेज लेकर बैंक  मे आने को कहा गया  अगले ही  दिन उपभोक्ता राम नारायण पांडे समस्त दस्तावेज लेकर एचडीएफसी बैंक बुढार में जमा कर दिया जाता है|

बैंक कर्मचारी अजीत श्रीवास्तव द्वारा यह कहा जाता है की खाता एक्सपोज के लिए 10 हजार रुपए भी आपको अपने खाते में जमा करने होंगे उपभोक्ता ने यह गतिविधियां भी पूर्ण कर देता है 

   मैनेजर भी पदीय कर्तव्य से दिखे                            उदासीनता 

कुछ ही दिनों बाद 2 लाख रुपए की लोन दिनांक 14 अप्रैल 2016 को स्वीकृत हो जाती है। जब उपभोक्ता ने बैंक आकर कर खाता में चढ़ी लोन की राशि को निकलवाने के लिए निकासी पर्ची भरकर जैसे ही काउंटर में जमा करता है तब कैसियर द्वारा 1 लाख 81 हजार खाता मैं शेष राशि है यह कहकर पासबुक  उपभोक्ता को वापस कर  देता है तब  यह बात पता चलता है की 40  हजार रूपए  खाता से अवैध ट्रांजैक्शन  कर आहरण  कर लिया गया है आनन-फानन में आकर बैंक मैनेजर से यह पूछा जाता है  की ट्रांजैक्शन मैंने तो अभी  किया ही नहीं फिर यह 40  हजार रुपए  मेरे खाता से   कैसे आहरण कर लिया गया इसकी जानकारी अभी तक  मुझे  आपके द्वारा  क्यों नहीं दी गई थी उपभोक्ता  के  इस बात का  बैंक के  अधिकारियों पर  कोई असर  नहीं पढ़ रहा था बल्कि  यह  कहा जाता था  हमारे द्वारा आपके खाता से  जो राशि निकाली गई है  उसी की जांच  निरंतर अम्हारे उच्च अधिकारी से करायी जारही है बातों, बातों में कई महीनों तक उलझाए रखे  जब मैं ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट लेना चाहा तब मुझे  विभिन्न प्रकार के  फरमान दी गई जैसे कि अभी आपकी ट्रांजैक्शन की  छानबीन की जा रही है इस स्थिति में बैंक द्वारा   किसी प्रकार की दस्तावेज   लीक करना मुमकिन नहीं है किंतु बैंक के किसी भी अधिकारी द्वारा उक्त व्यक्ति के एक भी बात नहीं सुनीगई

 शिकायत की बादभी प्रशासन की ओर से नहीं  की गई छानबीन

  बतादे कई मर्तबा बैंक के  चक्कर काटते काटते  थक कर परेशान हो गया था  तब भी बैंक से उपभोक्ता के खाता की ट्रांजैक्शन संबंधित कोई भी जानकारी ग्राहक को नहीं दी गई मानसिक परेशानी  बढ़ती जा रही थी तभी पुलिस अधीक्षक एवं जनसुनवाई शहडोल मे दिनांक 30 मार्च 2017 को शिकायत की गई थी जिसमे पुलिस प्रशासन के द्वारा भी उदासीनता दिखाई जारही है ग्राहक अपनी व्यथा सुनाते दर-दर भटक रहा है  फिर भी आज दिन तक प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दिया और न ही बैंक कर्मचारियों के विरुद्ध किसी प्रकार का कोई छानबीन और ना ही कार्रवाई की गई  उल्लेखित है कि उक्त व्यक्ति  कि खाते से अज्ञात  कारण से आहरण की गई राशि अभी तक खाते में रिफंड नही हो पाई है।आए दिन बैंक द्वारा लोन की राशि वापस चुकाने के लिए उपभोक्ता पर दबाव बनाया जा रहा है। जबकि उपभोक्ता द्वारा  बताया गया  की लीगई  लोन की राशि  बैंक को  वापस  कर दी गई है उक्त कृत्य से परेशान होकर पीड़ित मानसिक रूप से तनाव में है व शासन से न्याय की मांग कर रहा है पर  प्रशासन है कि इस ओर निहारने की फुर्सत ही नहीं है|

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