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बाबूलाल के आलू बंडा की बात ही कुछ और है

भालूमाड़ा-12 जनवरी 2021

 सुरेश शर्मा

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 भालूमाडॉ नगर के गोल बाजार रोड में एक छोटा सा ठेला रखकर पिछले 30 वर्षों से आलू बंडा की दुकान चलाने वाले बाबू लाल के यहां आलू बंडा के लिए इंतजार करना पड़ता है कारण कि बाबूलाल के बनाए आलू बंडा का स्वाद लोगों के मन को भाता है और यही कारण है कि सुबह जब बाबूलाल की दुकान खुलती है  तो आलू बंडा खाने वालों की भीड़ जमा हो जाती है गरम-गरम आलू बंडा और चटनी के साथ कड़ाही से तल कर गरमा गरम निकलने का इंतजार भी लोग करते हैं।


बाबूलाल केवट जिनकी उम्र लगभग 50 वर्ष की है ये बलोदा बाजार छत्तीसगढ़ के निवासी हैं वर्तमान समय पर भालूमाडा वार्ड क्रमांक 10 दफाई नंबर 3 में इनका निवास है ।

और लगभग 19 74 में  रोजी रोटी के लिए भालूमाडॉ आए थे यहां पर उस जमाने में  कॉलरी की कैंटीन हुआ करती थी जो एकमात्र होटल था यहां पर बाबूलाल ने लगभग 5 साल मिस्त्री का काम किया और जब कालरी की कैंटीन बंद हो गई तब बाबूलाल ने एक छोटा सा ठेला रखकर अपना काम शुरू किया और तब से लेकर आज तक बाबूलाल अपनी दुकान में आलू बंडा ब्रेड पकोड़ा और लाल चाय बेचते से चले आ रहे हैं।

        बाबूलाल ने बताया जब वह अपना दुकान चालू किए थे उस समय तक नगर में अन्य होटल या ठेले नहीं थे यहां पर ज्यादातर कालरी कर्मचारी उनके परिवार के लोग व अन्य लोग जो भी थे वह बाबूलाल के आलू बंडा के लिए खड़े रहते थे।

 लेकिन बाबूलाल के आलू बंडा का स्वाद आज भी पहले जैसा ही है वर्तमान समय पर प्रतिदिन बाबूलाल चार पांच सौ आलू बंडा का बिक्री करते हैं और दोपहर में दुकान बंद कर देते हैं।

बाबूलाल के आलू बंडा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि जो मसाला यह तैयार करते हैं वह बहुत ही साधारण होता है उसमें ज्यादा तेल मसाले का यूज नहीं करते हैं यही कारण है कि बाबूलाल के आलू बंडा के लिए बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी इनके आलू बंडा के शौकीन हैं।

       बाबूलाल  छोटी सी दुकान से अपने परिवार का पालन पोषण करते चले आ रहे हैं दो बेटे एक पत्नी जो इस काम में उनकी मदद भी करते हैं बाबू लाल का कहना है कि पहले तो आय ज्यादा होती थी लेकिन अब महंगाई बढ़ने से उनकी आय में बहुत कमी आई है कारण कि आज भी बाबूलाल ₹5 में आलू बंडा देते हैं जबकि बेसन का मूल्य लगभग अस्सी नब्बे रुपए प्रति किलो है और तेल की कीमत लगभग 140 से ₹150 प्रति लीटर है ईस कारण से लागत अधिक लग रही लेकिन मुनाफा कम हो रहा है। इसके बाद भी बाबूलाल ₹5 में आलू बंडा बेचकर उससे होने वाली आय से संतुष्ट हैं।

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