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राजनगर के युवा बने मानवता की परिभाषा,मानसिक रूप से विक्षिप्त युवक को नहलाया-धुलाया, कराया भोजन, दिए नए कपड़े

कोरोना संक्रमण से संरक्षण का भी पढ़ाया पाठ
अनूपपुर : मई 6, 2020

वह कौन सा गुण हैं जो हमें अन्य जीवों से अलग करता है। हमें मानव का दर्जा दिलाता है। यह वही गुण है, जिसकी वजह से मानवजाति ऐतिहासिक काल से कई समस्याओं का सफलतापूर्वक सामना कर आज भी इस धरा में जीवंत है, और ये गुण तब भी प्रासंगिक था, है एवं सदैव प्रासंगिक रहेगा। राजनगर के जागरूक युवाओं ने मानव होने की पहचान “मानवता” की परिभाषा बन जनहित का उत्कृष्ट कार्य किया है।

             मानसिक रूप से कमजोर संतोष जो क्षेत्र मे इधर-उधर फटे कपडे पहन कर भटक रहा था। उसकी अवस्था कई दिनो से साफ़-सफ़ाई न करने के कारण बेहद ख़राब हो चुकी थी। ऐसे समय में युवा समाज सेवी अश्विनी कुमार यादव, आकाश गुप्ता, संदीप सिंह ने जब इस व्यक्ति को देखा तो उन्होने मानवता का फ़र्ज़ निभाते हुए उस व्यक्ति को स्वयं नहलाया, बालों में काफ़ी कचड़ा एवं उलझे हुए होने के कारण उन्हें कटवाया, नये कपडे, चप्पल दी। साथ ही वर्तमान में कोरोना संक्रमण से संरक्षण हेतु माक्स भी दिया तथा उसका उपयोग करने की समझाइश दी। युवाओं द्वारा रोजाना इस व्यक्ति के खाने का प्रबंध भी किया जा रहा है।

             युवाओ के निस्वार्थ भाव से की गयी मदद को देखकर यह आत्मविश्वास आता है कि समस्या चाहे कितनी भी भीषण क्यूँ न हो, मानवता की ताक़त उससे आसानी से निजात पा सकती है। ज़िला प्रशासन इन युवाओं की समाजसेवा की भावना की सराहना करता है, एवं सभी नागरिकों से अपेक्षा करता है कि वे सभी क़ोरोना संक्रमण की इस आपदा के समय जनहित के कार्यों में सहयोग करेंगे, कोरोना संक्रमण से संरक्षण हेतु समस्त आचरणो, सावधानियों एवं निर्देशों का पालन करेंगे।

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