जमुना कालरी (संतोष चौरसिया)
जमुना कोतमा कोल इंडिया की सहायक कंपनी एसईसीएल के जमुना कोतमा क्षेत्र व हसदेव क्षेत्र में पांचों श्रम संघ द्वारा एक दिवसीय हड़ताल एफडीआई के विरोध में किया गया जो पूरी तरह सफल रहा ज्ञात हो कि अकेले जमुना कोतमा क्षेत्र में 6 हजार टन कोयले का उत्पादन प्रतिदिन होता था लेकिन आज कोयले का एक भी ढेला नहीं निकला यहां तक कि आवश्यक सेवाएं भी प्रभावित रहे जमुना कोतमा क्षेत्र में एक आमाडाड ओसिएम खदान व अंदर ग्राउंड खदानों में बरतराई बदरा नारायण खदान बदरा 9/10 कोतमा गोविंदा मीरा खदान जमुना 5/6 नंबर खदाने संचालित हैं जो की पूरी तरह बंद रही और आज सुबह से ही स्थानीय श्रम संघ प्रतिनिधियों में श्री कांत शुक्ला विक्रम प्रसाद हिंदू कोयला मजदूर सभा एचएमएस ताराचंद यादव संजय सिंह नरेश साहू भारतीय मजदूर संघ बीएमएस ऋषि तिवारी राजकुमार शर्मा संयुक्त कोयला मजदूर संघ एटक आर यस यादव इंद्र पति सीटू रमेश कुशवाहा सुघर सिंह इंटक यूनियन के लोग अपने-अपने खदानों में माइक लेकर खदान ना जाने की अपील करते रहे इस दौरान स्थानीय पुलिस प्रशासन को कालरी विभाग का सुरक्षा विभाग मौजूद रहा ज्ञात हो कि पांचो श्रमिक संघ एटक एचएमएस इंटक सीटू बी एम एस एस ने 5 सितंबर 2019 को रांची में राष्ट्रीय कन्वेंशन कर चार मांगों के समर्थन में 24 सितंबर 2019 को 1 दिन से हड़ताल की घोषणा की थी उसी के परिपेक्ष में कोल इंडिया में ऐतिहासिक हड़ताल हुआ है विगत 25 वर्षों में इतनी जबरदस्त हड़ताल देखी सुनी नहीं गई थी नेताओं ने कहा कि भारत सरकार पागल हाथी की तरह सार्वजनिक क्षेत्र को तहस-नहस करना चाहती है कभी डिफेंस का निजीकरण कर कभी बैंक का निजीकरण का ऐलान कभी जीवन बीमा क्षेत्र में निवेश और कोल इंडिया में शत-प्रतिशत एफडीआई लाकर कोल इंडिया में 3 लाख नियमित 2 लाख ठेका में काम करने वाले मजदूर हैं आठ कंपनियों में कोल इंडिया बटा है सिंगरेनी तेलंगाना राज्य सरकार के अधीनस्थ है भारत सरकार में कोल इंडिया का ब्रेन मस्तक सीएमपीडीआई को अलग कर सरकारी संस्थान बनाने की घोषणा कर दिया 100 मिलियन टन कोयला उत्पादन करने वाली कंपनियों को अलग अलग कर कोल इंडिया को कमजोर करने का सरकार ने कोशिश किया और अब सत प्रतिशत एफडीआई लाकर कोयला उद्योग एवं उद्योग में काम करने वाले कर्मचारियों को बर्बाद करना चाहते हैं 1991 में मनमोहन सिंह सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र में वित्तीय सहायता सरकार द्वारा देना बंद कर दिया था कोल इंडिया ने उन चुनौती को स्वीकार किया अपने अधिकारियों कर्मचारियों के वेतन बढ़ाते हुए उद्योग का विस्तार किया और 63 हजार करोड़ रुपए अपने कोष में जमा कर दिया भारत सरकार ने 2017 में 63 हजार करोड़ रुपए निकालकर कोल इंडिया को कंगाल बनाने का प्रयास किया है इसके बाद भी कोल इंडिया 20% अपने कर्मचारियों का वेतन बढ़ाते हुए पेंशन एवं मेडिकल को मजबूत करते हुए किया देश के प्राइवेट सेक्टर में 83 हजार कर्मचारियों का वेतन नहीं बढ़ाया 11 कंपनियों में मात्र 6% वेतन बढ़ाया तब भी सरकार ने मुट्ठी भर कॉर्पोरेट घरानों को 5 लाख करोड़ छूट में दे दिया रिजर्व बैंक से ₹1 लाख 36 हजार करोड़ निकाल कर 1 लाख 45 हजार करोड़ रुपए पूंजीपतियों को उद्योग लगाने के लिए दे दिए सार्वजनिक क्षेत्र सारे जुर्म बर्दाश्त करते हुए 1 लाख 59 हजार 629 करोड रुपए का मुनाफा दिया है कोयला मजदूर कभी भी 100% एफडीआई को मंजूर नहीं करेगा और यह हड़ताल सरकार को अवकात बताने के लिए संकेत हैं आगे और भी बड़ी लड़ाई होगी कामरेड हरिद्वार सिंह महामंत्री एटक एसईसीएल ने हड़ताल में शामिल सभी यूनियनों के नेताओं एवं मजदूरों को बधाई दिया है वही हिंद कोयला मजदूर सभा एच एम एस के जेबीसीसीआई सदस्य व केंद्रीय महामंत्री नाथूलाल पांडे ने भी मजदूरों वह सभी यूनियन को बधाई दी है।
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