भालू माडा --- सुरेश शर्मा
राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा प्रदेश भर में प्रतिभा पर्व का आयोजन किया जा रहा है लेकिन इस प्रतिभा पर्व के आयोजन से छात्रों का कितना लाभ होगा यह तो विभाग ही जाने लेकिन इतना जरूर है कि शासन प्रतिभा पर्व के बहाने अपनी औपचारिकता पूरी कर रहा है
पेपर में स्पष्ट नही दिखते अक्षर
प्रतिभा पर्व के लिए स्कूलों में भेजे गए प्रश्न पत्र जो कि प्राथमिक कक्षाओं के व माध्यमिक कक्षाओं को भेजा गया है वह प्रश्न पत्र का कागज घटिया है कि ना अक्षर स्पष्ट है ना पेपर की गुणवत्ता एक तरफ की छपाई दूसरी तरफ नजर आ रही है उक्त पेपर में जब प्रश्न हल करते हैं तो वह पेपर की लिखावट सही तरीके से नही दिखता है यहां तक कि छोटे छोटे बच्चे जब उस प्रश्न पत्र को पलटते हैं तो वह फट जाता है
फोटो कॉपी करा कर बाटते है प्रश्न पत्र
स्कूलों में भेजे गए प्रश्न पत्रों की संख्या भी कम विभाग द्वारा प्राथमिक एवं माध्यमिक कक्षाओं में कक्षा बार छात्रों की संख्या अनुरूप प्रश्न पत्र दिया जाना था लेकिन लगभग विद्यालयों में कम प्रश्न पत्र भेजे गए हैं जहां 20 छात्र हैं वहां 5 या 10 प्रश्न पत्र दिए गए शिक्षकों को प्रश्न पत्र की फोटो कापी करानी पड़ रही है लेकिन जिन स्कूलों के आसपास फोटो कापी की सुविधा नहीं है या जहां केवल एक ही शिक्षक है वह क्या करें स्कूल में शिक्षक छात्रों का ध्यान रखें या स्कूल छोड़कर फोटोकॉपी कराने स्कूल से बाहर जाए
वही विगत 3 माह से चुनाव के करण शिक्षकों की ड्यूटी लगने से पूरा पढ़ाई ठप रहा
अनेक स्कूलों में शिक्षक नहीं है बताया जाता है कि कई स्कूलों में अतिथि शिक्षकों को बाहर कर दिया गया यहां तक कि जमुना संकुल के ही दो तीन स्कूलों के अतिथि शिक्षक हटाए गए हैं
वहीं प्रतिभा पर्व का जो प्रश्न पत्र है वह लगभग सीबीएसई कोर्स का है जिसे हल कर पाना इन शासकीय स्कूल के बच्चों के बस की बात नहीं लगती
कुल मिलाकर देखा जाए तो प्रतिभा पर्व के नाम पर पूरा सरकारी महकमा अपनी पीठ थपथपा रहा है।
राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा प्रदेश भर में प्रतिभा पर्व का आयोजन किया जा रहा है लेकिन इस प्रतिभा पर्व के आयोजन से छात्रों का कितना लाभ होगा यह तो विभाग ही जाने लेकिन इतना जरूर है कि शासन प्रतिभा पर्व के बहाने अपनी औपचारिकता पूरी कर रहा है
पेपर में स्पष्ट नही दिखते अक्षर
प्रतिभा पर्व के लिए स्कूलों में भेजे गए प्रश्न पत्र जो कि प्राथमिक कक्षाओं के व माध्यमिक कक्षाओं को भेजा गया है वह प्रश्न पत्र का कागज घटिया है कि ना अक्षर स्पष्ट है ना पेपर की गुणवत्ता एक तरफ की छपाई दूसरी तरफ नजर आ रही है उक्त पेपर में जब प्रश्न हल करते हैं तो वह पेपर की लिखावट सही तरीके से नही दिखता है यहां तक कि छोटे छोटे बच्चे जब उस प्रश्न पत्र को पलटते हैं तो वह फट जाता है
फोटो कॉपी करा कर बाटते है प्रश्न पत्र
स्कूलों में भेजे गए प्रश्न पत्रों की संख्या भी कम विभाग द्वारा प्राथमिक एवं माध्यमिक कक्षाओं में कक्षा बार छात्रों की संख्या अनुरूप प्रश्न पत्र दिया जाना था लेकिन लगभग विद्यालयों में कम प्रश्न पत्र भेजे गए हैं जहां 20 छात्र हैं वहां 5 या 10 प्रश्न पत्र दिए गए शिक्षकों को प्रश्न पत्र की फोटो कापी करानी पड़ रही है लेकिन जिन स्कूलों के आसपास फोटो कापी की सुविधा नहीं है या जहां केवल एक ही शिक्षक है वह क्या करें स्कूल में शिक्षक छात्रों का ध्यान रखें या स्कूल छोड़कर फोटोकॉपी कराने स्कूल से बाहर जाए
वही विगत 3 माह से चुनाव के करण शिक्षकों की ड्यूटी लगने से पूरा पढ़ाई ठप रहा
अनेक स्कूलों में शिक्षक नहीं है बताया जाता है कि कई स्कूलों में अतिथि शिक्षकों को बाहर कर दिया गया यहां तक कि जमुना संकुल के ही दो तीन स्कूलों के अतिथि शिक्षक हटाए गए हैं
वहीं प्रतिभा पर्व का जो प्रश्न पत्र है वह लगभग सीबीएसई कोर्स का है जिसे हल कर पाना इन शासकीय स्कूल के बच्चों के बस की बात नहीं लगती
कुल मिलाकर देखा जाए तो प्रतिभा पर्व के नाम पर पूरा सरकारी महकमा अपनी पीठ थपथपा रहा है।
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