भाजपा नगर अध्यक्ष से राजनीति शुरू कर मंत्री पद पाने तक दिलीप जायसवाल का ऐसा रहा सफर
कोतमा विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार निर्वाचित हुए विधायक
(शैलेंद्र विश्वकर्मा)
अनूपपुर।अनूपपुर जिले के कोतमा विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार भाजपा से निर्वाचित विधायक दिलीप जायसवाल को राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया है। 60 वर्षीय दिलीप जायसवाल दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। इससे पहले वह 2008 में विधायक निर्वाचित हुए थे इसके पश्चात 2018 में पार्टी ने उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित किया लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी सुनील सराफ से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस बार फिर से पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी घोषित किया और कांग्रेस के सुनील सराफ को उन्होंने मात दे दी।
नगर अध्यक्ष भाजपा से लेकर ऐसा रहा मंत्री बनने का सफर-दिलीप जायसवाल शुरू से ही भाजपा से जुड़े रहे जहां पहली बार 1986 में वह भाजपा के नगर अध्यक्ष बनाए गए। इसके पश्चात वह 1990में नगर पालिका बिजुरी से पार्षद भी निर्वाचित हुए। इसके पश्चात1995 में जब अनूपपुर जिला अस्तित्व में नहीं आया था और संयुक्त शहडोल जिला था तो भाजपा संगठन में उन्हें महामंत्री का दायित्व दिया गया। 2006 में उन्हें भाजपा अनूपपुर का जिला अध्यक्ष भी बनाया गया। 2008 में पार्टी ने उन्हें कोतमा विधानसभा से विधायक प्रत्याशी घोषित किया । इसके पश्चात 2018 में भी पार्टी ने विधायक उम्मीदवार घोषित किया लेकिन इस बार इन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2023 में फिर से चुनाव में इन्होंने जीत दर्ज की।
पूर्व में पत्नी रह चुकी हैं नगर पालिका अध्यक्ष खुद भी भाजपा के जिला अध्यक्ष रह चुके हैं दिलीप जायसवाल -दिलीप जायसवाल की पत्नी श्रीमती अर्चना जायसवाल पूर्व में बिजुरी नगर पालिका से अध्यक्ष निर्वाचित हुई थी। इसके पूर्व दिलीप जायसवाल अनूपपुर जिले के भाजपा जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं। दिलीप जायसवाल स्नातक की शिक्षा प्राप्त किए हुए हैं। दिलीप जायसवाल के एक पुत्र तथा एक पुत्री है पुत्री चिकित्सक हैं।
बिजुरी में हुई प्रारंभिक शिक्षा -भाजपा विधायक एवं राज्य मंत्री बने दिलीप जायसवाल की प्रारंभिक शिक्षा बिजुरी नगर के चुन्नीलाल खेड़िया स्कूल में हुई जहां 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात कोतमा के महाराजा मार्तंड महाविद्यालय से उन्होंने कला संकाय में स्नातक तक की शिक्षा ली।
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