बूंद- बूंद पानी को तरसते कॉलोनी वासी
भालूमाड़ा। 2 अक्टूबर 2020
सुरेश शर्मा
✍️✍️✍️
जमुना कोतमा क्षेत्र में इन दिनों पीने के पानी का भारी संकट है भदरा उपक्षेत्र अंतर्गत समस्त कॉलोनियों में विगत 5 दिनों से 38 नंबर बोर होल के पंप खराब होने से जल संकट की स्थिति उपन्न होने के कारण त्राहि -त्राहि है। विगत कई वर्षों से डबल स्टोरी में पानी ऊपरी मंजिल में भी नही चढ़ता था। अब तो बून्द बून्द पानी को मोहताज हैं। इस क्षेत्र में बदरा कालरी , श्रमिक नगर ,व बीमा ग्राम, मे हमेशा जल संकट रहा है।
जानकारी के मुताबिक केवल एक ही पंप मशीन था जो जल गया है जिसे बनने के लिए भेजा गया है और उसे बनकर आने में अभी 10 दिन और लगेंगे तब तक पानी की समस्या बरकरार रहेगी अब सवाल यह उठता है कि जब एसईसीएल को मिनी रत्न कंपनी का दर्जा प्राप्त है तो विकल्प के रूप में पंप जलने पर दूसरा पंप क्यों नहीं रखा गया है यह अपने आप में प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है वहीं पर अभी प्रबंधन द्वारा ऊंट के मुंह में जीरा के समान कालरी के फायर ब्रिगेड से श्रमिक नगर कॉलोनी में पानी की सप्लाई किए जाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन वह पर्याप्त नहीं है उससे कुछ ही लोगों को पानी मिल पा रहा है वह भी भारी कठिनाई के साथ। जानकारों की माने तो पूरे एसईसीएल जमुना कोतमा क्षेत्र में श्रमिकों को पानी देने की जवाबदारी सिविल विभाग की है लेकिन वर्षो से सिविल विभाग में पूरे क्षेत्र में पदस्थ श्रमिक कम नेता के चलते ना तो संसाधनों का सही उपयोग हो पा रहा और ना ही पानी जैसे महत्वपूर्ण मूलभूत सुविधाएं यहां के मजदूरों को मिल पा रही बात बदरा क्षेत्र की हो गोविंदा उप क्षेत्र की हो कोतमा कालरी टाउन की हो जमुना टाउन की हो सभी जगह वर्षों से पानी की समस्या निरंतर बनी हुई है लेकिन सिविल विभाग इस समस्या पर आंख बंद किए हुए हैं आज भी जब विभाग के आला अधिकारी से फोन में संपर्क करना चाहा तो उनका फोन नहीं उठा वहीं क्षेत्र के श्रम संगठनों की भी लापरवाही कही जा सकती है जो लोग अपने श्रम संगठन में श्रमिकों को ज्वाइन कराने में तो खूब वाहवाही लूटते हैं लेकिन जब उसी श्रमिक को उनके मूलभूत सुविधाओं की आवश्यकता होती है तब यह श्रमिक संगठन किनारा काट लेते हैं तब यह सभी केवल मैनेजमेंट की बात को ही हां में हां मिलाना अपना हित साधने में लगे रहते हैं ।
बीमारी बांट रहा प्रबंधन
बदरा उप क्षेत्र में पानी की समस्या से वहां के लोग अत्यधिक परेशान हैं कोरोना का समय चल रहा है एक फायर ब्रिगेड मशीन से एक स्थान पर सैकड़ों लोगों की लाइन लग रही है ऐसे में क्या प्रबंधन पानी देना चाह रहा है या कोरोनावायरस फैलाना चाह रहा है।
पानी के टैंकर तक नहीं है प्रबंधन के पास
आपातकाल स्थिति से निपटने के लिए प्रबंधन के पास कोई भी ऐसी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है जिससे की समस्याओं को दूर किया जा सके उदाहरण के लिए इतने बड़े जमुना कोतमा क्षेत्र में पानी के लिए प्रबंधन के पास टैंकर तक नहीं है फायर ब्रिगेड से पानी दिया जा रहा है वह कितना शुद्ध होगा यह भी देखने लायक है जबकि वर्तमान में जरूरत इस बात की है कि कम से कम 8 से 10 टैंकरों के माध्यम से सभी मोहल्लों कालोनियों में पानी की सुचारू व्यवस्था की जानी चाहिये ।
बदरा क्षेत्र में पानी की समस्या की जानकारी मिली है श्रमिकों के लिए टैंकर के माध्यम से पानी की व्यवस्थाएं कराई जा रही हैं पसान नगर पालिका से भी टैंकर मंगाए गए हैं जो समर्सिबल पंप खराब हुआ है उसे शीघ्र ही बनवाने का प्रयास हो रहा है पानी की समस्या को जल्द ही दूर किया जाएगा।
सुधीर कुमार महाप्रबंधक
एसईसीएल जमुना कोतमा क्षेत्र
0 Comments