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प्रकृति वंदन कर पर्यावरण - संस्कृति रक्षा कार्यक्रम 30 अगस्त को

 करोड़ो लोग सपरिवार करेंगे वृक्ष पूजन -- मनोज द्विवेदी अनूपपुर / 26 अगस्त 2020

भारतीय सनातन संस्कृति में प्रकृति पूजन के द्वारा पर्यावरण संरक्षण की हजारों साल पुरानी परंपरा है। इसमें पौधे, वृक्ष, नदी, जल, अग्नि,मृदा, आकाश , वायु , सूर्य, चन्द्र ,पर्वत , जीव - जन्तुओं में ईश्वर का वास मानकर पूजा की जाती है। यह प्रकृति से मानव जीवन को सीधा जोडने , एक - दूसरे को संरक्षित रखने की निरापद विधा है। यह सनातन धर्म ही है जो सर्वधर्म समभाव की भावना के साथ कभी भी किसी अन्य धर्मावलंबी का ना तो विरोध करता है...ना ही धर्मान्तरण की परंपरा का हामी रहा है। सनातन धर्मावलंबी जीवन के प्रत्येक संस्कार को प्रकृति से जोड़ कर हमेशा से उसका पालन करता रहा है। जीव एवं पर्यावरण संरक्षण को संस्कृति से जोडने वाले बहुत से आयोजन विभिन्न हिन्दूवादी सामाजिक संगठन करते रहे हैं। 

आगामी 30 अगस्त ,रविवार की सुबह 10 से 11 बजे तक एक ऐसा ही महान आयोजन किया जा रहा है।   हिंदू आध्यात्मिक और सेवा फाउंडेशन (एचएसएसएफ) और पर्यावरण संरक्षण गतिविधि संस्था द्वारा 

 30 अगस्त 2020, रविवार की  सुबह 10:00 बजे से 11:00 बजे तक लोगों द्वारा अपने - अपने घर में सपरिवार वृक्ष या गमले के पौधे की पूजा करने का आव्हान किया गया है। 


इस आयोजन की बड़ी विशेषता यह है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहनराव जी भागवत का 10 मिनट का  ऑनलाइन संबोधन भी होगा। जिसे www.fb.com/rss.paryavaransanrakshan/live पर देखा जा सकता है। भाजपा नेता एवं भारत विकास परिषद के पूर्व अध्यक्ष मनोज द्विवेदी ने लोगों से आव्हान किया है कि  घर पर प्रकृति वंदन करने के लिए सपरिवार एवं शुभ चिंतकों सहित आयोजन में शामिल हों। इसके लिये  निम्नलिखित लिंक पर पंजीकरण जरुर करें:

sankalp.paryavaransanrakshan.org

 'प्रकृति वंदन 'के बाद प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए sankalp.paryavaransanrakshan.org पर आवेदन किया जा सकता है और हरितघर का एक सितारा प्रमाण पत्र प्राप्त किया जा सकता है। प्रकृति वंदन हेतु संकल्प की प्रक्रिया भी चल रही है।

    प्रकृति संरक्षण के इस महाआयोजन को लेकर व्यापक उत्साह देखा जा रहा है। बडे पैमाने पर लोग अपने मित्रों, शुभचिंतकों को इस अभियान से जोडने की अपील कर रहे हैं।

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