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बंद खदान से कोयला निकासी के दौरान फिर दो मजदूरों की मौत

भालूमाड़ा-16 जनवरी
एसईसीएल जमुना कोतमा क्षेत्र की बंद पड़ी हरद ओ सीएम खदान में कोयला निकालते समय ऊपर की चट्टान धसकने से 2 लोग वहीं पर दफन हो गए जिनमें 1 का शव देर शाम तक निकल नहीं पाया था ।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बंद पड़ी हरद ओ सी यम खदान से कोयला खोदते समय ऊपर की चट्टान धशक गई जिससे 2 लोग जिनकी पहचान अभी तक पुलिस ने नहीं की है लेकिन लोगों के बताए अनुसार शकोला निवासी पप्पू सिंह एवं तेज लाल कोयला खोदते समय चट्टान गिरने से दब गए हैं यह घटना लगभग सुबह 11बजे  से 1बजे के बीच बताई जा रही है हरद बंद पड़ी ओसीएम खदान से प्रतिदिन अनेक लोग अवैध रूप से कोयले का खनन करते हैं ।
इससे पूर्व भी इन अवैध खदानों में हो चुकी है कई मौतें
इसके पहले भी इसी तरह से अवैध कोयला खनन करते समय जमुना निवासी अजय तिवारी की दबकर मौत हो गई थी उससे पहले भी एक और व्यक्ति की मौत दबने से हुई थी बताया जाता है कि लगभग हर दो चार माह में इस तरह की घटनाएं निरंतर वर्षों से हो रही है आज जिस स्थान पर कोयले का खनन कर रहे पप्पू सिंह व तेज लाल दबे हुए हैं वह काफी अंदर  है कोयला होते समय एक लंबी सुरंग सी बन जाती है और सुरंग बनने के बाद ऊपर का लगभग 25 से 30 फीट ऊंचाई की पूरी चट्टान नीचे धशक जाती है आज भी इसी तरह की घटना घटित हुई है जिसमें दोनों व्यक्ति दबे हुए हैं इस बात की जानकारी लगभग 2 बजे भालूमाडा पुलिस को मिली जिस पर पुलिस स्टाफ थाना प्रभारी घटनास्थल पहुंचे साथ में ग्रामीणों की मदद से मिट्टी को हटाने का काम किया जा रहा है लेकिन बताया जा रहा है कि बड़ी मात्रा में चट्टान धसकने ने से पूरी मिट्टी मृतकों के ऊपर पड़ी हुई है जिसे निकालना आसान नहीं है संभवत आज तो निकल भी ना पाए भालूमाडॉ पुलिस ने कालरी प्रबंधन से रेस्क्यू टीम की मांग भी की है जो कि देर शाम 5 बजे तक  रेस्क्यू टीम नहीं पहुंच पाई थी और अंधेरा होने की वजह से शुक्रवार को ही दबे हुए लोगों को निकाला जा सकेगा ।भालूमाड़ा थाना प्रभारी आर एन आर्मो  का कहना है कि जब तक मृतक की शिनाख्त ना हो जाए तब तक उनकी पहचान बता पाना मुश्किल है।
      बंद खदान बन गई मौत का खदान
  लगभग 10 वर्षों से बंद पड़ी एसईसीएल जमुना कोतमा क्षेत्र की यह खदान वर्तमान समय पर मौत की खदान बन चुकी है जहां हर एक-दो माह में लोगों की जान इसी तरह जाती है इसके बाद भी ना तो कालरी प्रबंधन और ना ही स्थानीय प्रशासन इस ओर गंभीर हो रहा कारण कि जिन लोगों की मौत होती है वे अत्यंत गरीब होते हैं जो लोग अपने पेट की खातिर कोयला खोदकर उसे बेचते हैं और अपना परिवार चलाते हैं जबकि पूर्व में जमुना निवासी अजय तिवारी की मौत पर अनूपपुर से आए तत्कालीन एसडीएम ने पूरे ओसीएम खदान का निरीक्षण किया था और जिस तरह से अनेक जगह पर कोयला खोदने से सुरंग नुमा गुफा बनी थी उसे देखकर वह भी दंग रह गए थे तब उन्होंने कहा था कि इन स्थानों पर कोयला खनन को पूरी तरह से रोका जाएगा और जो ऊंची चट्टाने हैं कालरी प्रबंधन से बात कर उन चट्टानों को नीचे गिरा कर उसे बराबर कर दिया जाएगा जिससे भविष्य में कोयला निकालने की संभावना ही ना रहे लेकिन वर्षों बाद किसी को कुछ याद नहीं रहा और बार-बार उसी हरद ओसीएम में मौत का  पंचनामा पीएम जारी है।
1 वर्ष हुई दुर्घटना का तस्वीर

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