भालूमाड़ा ।सुरेश शर्मा
नगर में निर्माणाधीन स्वास्थ्य केंद्र में साइड इंचार्ज भैया लाल तिवारी रोज की तरह निर्माण कार्य समाप्त होने के बाद रात लगभग 8:00 बजे स्वास्थ्य केंद्र के ही रूम में गैस में खाना बना रहे थे तभी अचानक उनके गैस व पाइप में आग पकड़ ली और देखते ही देखते सिलेंडर में लगे रेगुलेटर में भी आग पकड़ ली इसके पहले की भैया लाल तिवारी कुछ समझ पाते आग जलने लगी इसी बीच उन्होंने हिम्मत करके चूल्हे की पाइप को बाहर कर दिया और सिलेंडर को रूम से बाहर करने का प्रयास किया लेकिन फर्श में टाइल्स होने की वजह से सिलेंडर बाहर नहीं आ सका फिर उन्होंने फावड़े से सिलेंडर को खिसकाते हुए बाहर किया इस बीच उन्होंने थाने में व (100) हंड्रेड डायल में भी फोन किया वहीं उन्होंने अपने एक साथी को थाने भेजा जहां से फायर ब्रिगेड के लिए भी बोला गया लेकिन नगरपालिका के फायर ब्रिगेड में कोई ड्राइवर नहीं होने की बात कही गई तब तक थाने से एएसआई मिश्रा आरक्षक करमजीत तत्काल स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे उस समय तक भी गैस सिलेंडर धू-धू कर जल रहा था वह तो गनीमत थी कि आधे घंटे होने के बाद भी गैस सिलेंडर फटा नहीं वहां पर लोगों का हुजूम लगा हुआ था लोगों ने अपने-अपने तरीके से आग को बुझाने का प्रयास किया किसी ने रेत डाली तो किसी ने पाइप से पानी की बौछार लेकिन गैस की आग बंद नहीं हुई तब आरक्षक करमजीत ने एक मोटा कंबल मंगा कर उसे गीला किया और हिम्मत करके उसने उस सिलेंडर के ऊपर रखकर पूरी तरह से दबाते हुए आग को काबू किया हालांकि इस दौरान लोगों ने उन्हें मना भी किया कि सिलेंडर फट सकता है लेकिन करमजीत ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए सिलेंडर की आग को बुझाने में सफलता पाई। तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली यदि यही सिलेंडर फटने पाता तो निर्माण के पहले ही डॉक्टरों के लिए बनाया आवास खंडहर में तब्दील हो जाता।
हालांकि लोगों ने आरक्षक करमजीत की हिम्मत को सराहा हुआ उसकी भूरी भूरी प्रशंसा भी किए।
नगर में निर्माणाधीन स्वास्थ्य केंद्र में साइड इंचार्ज भैया लाल तिवारी रोज की तरह निर्माण कार्य समाप्त होने के बाद रात लगभग 8:00 बजे स्वास्थ्य केंद्र के ही रूम में गैस में खाना बना रहे थे तभी अचानक उनके गैस व पाइप में आग पकड़ ली और देखते ही देखते सिलेंडर में लगे रेगुलेटर में भी आग पकड़ ली इसके पहले की भैया लाल तिवारी कुछ समझ पाते आग जलने लगी इसी बीच उन्होंने हिम्मत करके चूल्हे की पाइप को बाहर कर दिया और सिलेंडर को रूम से बाहर करने का प्रयास किया लेकिन फर्श में टाइल्स होने की वजह से सिलेंडर बाहर नहीं आ सका फिर उन्होंने फावड़े से सिलेंडर को खिसकाते हुए बाहर किया इस बीच उन्होंने थाने में व (100) हंड्रेड डायल में भी फोन किया वहीं उन्होंने अपने एक साथी को थाने भेजा जहां से फायर ब्रिगेड के लिए भी बोला गया लेकिन नगरपालिका के फायर ब्रिगेड में कोई ड्राइवर नहीं होने की बात कही गई तब तक थाने से एएसआई मिश्रा आरक्षक करमजीत तत्काल स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे उस समय तक भी गैस सिलेंडर धू-धू कर जल रहा था वह तो गनीमत थी कि आधे घंटे होने के बाद भी गैस सिलेंडर फटा नहीं वहां पर लोगों का हुजूम लगा हुआ था लोगों ने अपने-अपने तरीके से आग को बुझाने का प्रयास किया किसी ने रेत डाली तो किसी ने पाइप से पानी की बौछार लेकिन गैस की आग बंद नहीं हुई तब आरक्षक करमजीत ने एक मोटा कंबल मंगा कर उसे गीला किया और हिम्मत करके उसने उस सिलेंडर के ऊपर रखकर पूरी तरह से दबाते हुए आग को काबू किया हालांकि इस दौरान लोगों ने उन्हें मना भी किया कि सिलेंडर फट सकता है लेकिन करमजीत ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए सिलेंडर की आग को बुझाने में सफलता पाई। तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली यदि यही सिलेंडर फटने पाता तो निर्माण के पहले ही डॉक्टरों के लिए बनाया आवास खंडहर में तब्दील हो जाता।
हालांकि लोगों ने आरक्षक करमजीत की हिम्मत को सराहा हुआ उसकी भूरी भूरी प्रशंसा भी किए।
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